आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
और सोच रही थी कि रिश्ते बेशक कुछ समय के लिए रूठते है पर टूटते नहीं हैं। और सोच रही थी कि रिश्ते बेशक कुछ समय के लिए रूठते है पर टूटते नहीं हैं।
पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते। पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते...
आधुनिकता अभी अपने यौवन में है इसलिए मद में चूर ....पर कभी न कभी अपनी गलती का एहसास जरुर होगा उसे आधुनिकता अभी अपने यौवन में है इसलिए मद में चूर ....पर कभी न कभी अपनी गलती का एहस...
,तुमने वो किया जो तुम्हें करना था ,अगर कौए ने नहीं छुआ तो तुम्हारी क्या गलती? ,तुमने वो किया जो तुम्हें करना था ,अगर कौए ने नहीं छुआ तो तुम्हारी क्या गलती?
धी से कही बहू ने समझी ।”यानी जो बात बहुओं से कहनी है वह पहले बेटियों पर लागू करो यानी उनसे कहो ।बहुय... धी से कही बहू ने समझी ।”यानी जो बात बहुओं से कहनी है वह पहले बेटियों पर लागू करो...